बस्ती- महर्षि वशिष्ठ स्वशासी मेडिकल कॉलेज से संवद्ध ओपेक चिकित्सालय कैली के लिए जमीन देने वाले किसानों को 2.2 करोड़ रुपया अतिरिक्त मुआवजा मिलेगा। अतिरिक्त मुआवजे के लिए न्यायालय ने किसानों के पक्ष में आदेश पारित किया है। आदेश के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील करने में अस्पताल प्रबंधन नाकाम रहा। आयुक्त व डीएम ने इस बाबत अपनी रिपोर्ट शासन में चिकित्सा शिक्षा को भेजते हुए मुआवजे की धनराशि उपलब्ध कराने की मांग किया है।
आयुक्त ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को भेजे पत्र में कहा है कि किसानों का प्रतिकर न देने पर न्यायालय के अवमानना की स्थिति बन रही है। ऐसे में कभी भी अस्पताल का खाता सील हो सकता है। ऐसे में किसानों के प्रतिकर का भुगतान करने के लिए 2.2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध करावें।
1992 में अधिग्रहीत हुई थी जमीन
ओपेक चिकित्सालय कैली की स्थापना के लिए 1992 में सीएमओ बस्ती ने 500 बेड वाले अस्पताल के लिए लगभग 52 बीघा जमीन के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया था। सीधे समझौते व न्यायालय के आदेश से इस जमीन का अधिग्रहण हुआ और अस्पताल का निर्माण शुरू कराया गया।
22 काश्तकारों ने धारा 18 के तहत दायर की याचिका
जमीन का मुआवजा कम मिलने की बात पर 22 काश्तकारों ने जिला जज के न्यायालय में वाद संख्या 17/1992 दायर किया। 25 साल चले मुकदमे में आए फैसले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी ने 18 अगस्त 2018 में काश्तकारों के पक्ष में निर्णय दिया। निर्णय के तहत 1.2 लाख रुपया प्रति बीधा जमीन का दाम, 30 प्रतिशत सेलेनियम चार्ज, 12 फीसदी अतिरिक्त चार्ज और 08 फीसदी साधारण ब्याज के दर से भुगतान दिया जाना है। किसानों की अपील पर 10 अक्टूबर 2018 को नए आदेश के तहत साधारण ब्याज का प्रतिशत 08 से बढ़ाकर 09 फीसदी कर दिया गया। इस आदेश के अनुसार 22 काश्तकारों को 02 करोड़ 10 लाख 79 हजार 888 रुपये का भुगतान करना है।
14 पत्र लिखने के बाद भी प्रबंधन ने नहीं की पैरवी
डीएम व आयुक्त ने प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा को लिखे पत्र में बताया है कि 2018 में न्यायालय से हुए आदेश के विरूद्ध हाईकोर्ट में अपील दायर करने के संबंध में 14 बार पत्र लिखा गया। पत्र में कहा गया कि या तो विभाग से प्रतिकर लेकर दिलाया जाए अथवा उच्च न्यायालय में अपील दायर की जाए। जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल से भी राय ली गई तो उन्होंने कहा कि अपील दायर करने के लिए किसी जिम्मेदार अधिकारी को शासन में भेजकर अनुमति लेकर हाईकोर्ट जाएं। लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने न तो अपील दायर करने की कार्रवाई किया और न ही प्रतिकर का वितरण कराया। अलबत्ता प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज ने बताया कि 31 मार्च 2019 के बाद ओपेक चिकित्सालय कैली के संबंध में किसी देय का भुगतान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को करना है।